Muestra

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क़र्ज़

De: Vivek Rao, Rajnish Rao, White Script
Narrado por: Shruti Prakash, Rohan Verma, Lekhashwani, Yudhvir, Alok Sengupta, Jasbir Singh, Kavita Vaid, Trupti, Sunita, Manisha, Divya
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  • Resumen

  • गहरी नींद से सो रहे शेखर को जगाने के प्रयास में ललिता को मज़ाक़ सूझता है और इसी क्रम में वो शेखर का सर दबाने लगती है और शेखर उसे अपने माँ समझकर उसकी गोद में सर रख देता है और अपनी ग़लती जानकार दोनों ही झेंप जाते हैं। माँ भुवनेश्वरी से ललिता को पता चलता है कि उसके गुरुचरण मामा को दिल का दौरा पड़ा है। शेखर भागकर अपने मोटरकार में उनको हॉस्पिटल ले जाता है। शेखर और उसके बाबा के बीच गुरुचरण बाबू के क़र्ज़े वाले पैसे रुपयों और तमाम शर्तों को लेकर नोकझोंक होती है। काफ़ी बहस और झगड़े के बाद शेखर पचास हज़ार रुपए लेकर ललिता के हवाले करता है। ग़ुस्से से तमतमाए शेखर को शांत करने के लिए ललिता प्यार से उसका माथा चूमती है और शेखर भी यही करता है लेकिन लज्जा से ललिता उसका हाथ छुड़ाकर भागती है।
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