Diseño de la portada del título Koyla Bhai Na Raakh [Coal Ash]

Koyla Bhai Na Raakh [Coal Ash]

Muestra

Escúchalo ahora gratis con tu suscripción a Audible

Prueba gratis durante 30 días
Después de los 30 días, 9,99 €/mes. Cancela cuando quieras
Disfruta de forma ilimitada de este título y de una colección con 90.000 más.
Escucha cuando y donde quieras, incluso sin conexión
Sin compromiso. Cancela gratis cuando quieras.

Koyla Bhai Na Raakh [Coal Ash]

De: Rajendra Rao
Narrado por: Rajat Verman
Prueba gratis durante 30 días

Después de los 30 días, 9,99 €/mes. Cancela cuando quieras.

Compra ahora por 17,99 €

Compra ahora por 17,99 €

Confirma la compra
Paga utilizando la tarjeta terminada en
Al confirmar tu compra, aceptas las Condiciones de Uso de Audible y nos autorizas a realizar el cobro mediante los métodos de pago por ti designados. Por favor revisa nuestra Política de Privacidad, Política de cookies y Aviso sobre anuncios basados en intereses
Cancelar

Acerca de este título

लकड़ी जल कोयला भई कोयला जलकर राख।
मैं विरहन ऐसी जली कोयला भई न राख!
कबीरदास का यह दोहा वरिष्ठ लेखक राजेन्द्र राव के इस कहानी-संग्रह पर खरा उतरता है। संग्रह की पहली दस कहानियाँ प्रेम के अलग रंग-रूप और सौन्दर्य को पाठकों के सामने जीवन्त रूप में प्रस्तुत करती हैं। इनकी विशेषता यह है कि एक-एक कहानी अपने समय के मूल्यों, रीति-रिवाज़ों, परम्पराओं और परिवेश की हमक़दम है। ये कहानियाँ अपने समय के बनने-बिगड़ने, सँवरने तथा संवर्द्धित होते रूप को भी उद्घाटित करती चलती हैं। संग्रह की कुछ कहानियों में कला, संगीत, संगीतकारों व कलाकारों तथा उनके प्रति जनमानस के विचारों का सुन्दर चित्रण भी हुआ है।
संग्रह की शुरुआती कहानियों में प्रेम की चित्र-विचित्र कथाएँ हैं तो अगली पाँच कहानियाँ सर्कस के अदेखे-अजाने जीवन पर आधारित हैं। सर्कस में करतब दिखाने वाले कलाकारों के जीवन के रहस्य-रोमांच, जीवन-मृत्यु के बीच खतरों से पल-पल दोचार होने की कहानियाँ हैं। प्रतिदिन लोगों का मनोरंजन करने वाले कलाकारों के दुःख-दर्द की अन्दरूनी सच्चाई इन कहानियों में अप्रतिम ढंग से आई है।
कोयला भई न राख राजपाल एण्ड सन्ज़ से पहली बार 1975 में प्रकाशित हुई और पाठकों के आग्रह पर इतने वर्षों बाद फिर से यह उपलब्ध है, बिल्कुल नयी साज-सज्जा में।

Please note: This audiobook is in Hindi.

©2018 Rajendra Rao (P)2020 Audible, Inc.
Antologías y relatos breves Narrativa literaria

Lo que los oyentes dicen sobre Koyla Bhai Na Raakh [Coal Ash]

Valoración media de los usuarios. Solo los usuarios que hayan escuchado el título pueden escribir reseñas.

Reseñas - Selecciona las pestañas a continuación para cambiar el origen de las reseñas.